बोचहां थाना के भगवानपुर घोंचा निवासी मो. रेयाज अहमद को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया। पीड़ित ने साइबर थाना को बताया है कि उसका फुफेरा भाई सऊदी अरब में नौकरी करता है।
सोशल मीडिया पर उसके नाम की फर्जी आईडी से एक कॉल आई। साइबर ठगों ने सऊदी अरब में काम करने वाले फुफेरे भाई की आवाज एआई से क्लोन कर ली और उसी आवाज में मुजफ्फरपुर के मो. रेयाज अहमद को कॉल किया।

AI वॉइस क्लोनिंग से भाई की आवाज़ मिलने के वजह से रेयाज को शक नहीं हुआ। कॉल करने वाले ने रेयाज से उसका अकाउंट नंबर मांगा और बोला कि साढ़े तीन लाख रुपये भेज रहा है। कुछ देर बाद सउदी अरब के एक बैंक की पर्ची भेजी गई, जिसमें साढ़े तीन लाख रुपये जमा होने का जिक्र था। इसके बाद फिर कॉल आई कि कल तक ये रुपये उसके खाते में आ जाएंगे। इसके बाद रेयाज को फिर उसी आईडी से मैसेज आया कि वह इमीग्रेशन ऑफिस जा रहा है, क्योंकि उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है।
उसका वीजा आज ही समाप्त हो रहा है। इसे रिन्यू कराना होगा। इसके बाद मैसेज में एक नंबर भेजा गया। बोला गया कि यह एजेंट का नंबर है, इससे बात कर मेरी मदद कर दो। व्हाट्सएप पर उक्त एजेंट से बात हुई तो उसने कहा कि वीजा रिन्यू कराने में 1.65 लाख लगेंगे। उसने रेयाज को स्कैनर भेजकर उसपर 1.65 लाख रुपये डालने को कहा। भाई की मदद करने के फेर में रेयाज ने जल्दी में ये रुपये स्कैनर पर भेज दिए। कुछ देर बाद उसने अपने फुफेरे भाई के व्हाट्सएप पर कॉल कर बात की तो पता चला कि रेयाज साइबर ठगों के जाल में फंस गया है। दो दिन पहले रेयाज ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

एआई वॉइस स्कैम कैसे काम करता है?
एआई वॉइस क्लोनिंग टूल कुछ सेकंड या मिनट की रिकॉर्डेड आवाज़ लेकर किसी भी व्यक्ति की हूबहू आवाज़ बना सकते हैं, जिसे ठग फोन कॉल पर इमोशनल ब्लैकमेल के लिए इस्तेमाल करते हैं। भारत में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां रिश्तेदार, जज या विदेश में रहने वाले परिजनों की नकली आवाज़ बनाकर लाखों रुपये ऐंठे गए हैं।
बचाव के लिए क्या करें?
किसी भी आपातकालीन पैसे की मांग पर, खासकर अनजान नंबर से कॉल आए तो तुरंत पैसे न भेजें; पहले उसी व्यक्ति से किसी दूसरे माध्यम (वीडियो कॉल, पुराने नंबर, परिवार के अन्य सदस्य) से क्रॉस‑चेक करें। क्यूआर स्कैन कर “पैसे आने” के नाम पर अगर आपसे पहले पैसा डालने को कहा जाए तो समझ लें कि यह लगभग निश्चित रूप से फ्रॉड है। ऐसी घटना होते ही 1930 हेल्पलाइन या राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर तुरंत शिकायत दर्ज करें, जल्दी रिपोर्ट करने से बैंक खातों को फ्रीज़ कर पैसे वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है।