कड़ाके की सर्दी में जब फुटपाथों पर सोने वाले गरीब परिवार ठंड से लड़ते-लड़ते टूट जाते हैं, जब नन्हे बच्चे भूख और गरीबी के बीच किताब पकड़ने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाते—ऐसे दर्दभरे वक्त में एक इंसान चुपचाप किसी देवदूत की तरह उनकी जिंदगी में गर्माहट लेकर आता है। पटेल स्वीट्स के संस्थापक गुंजन पटेल,

अपने 40वें जन्मदिन पर किसी पार्टी या शोहरत में नहीं, बल्कि उन्हीं जरूरतमंद चेहरों के बीच खुशी खोजते हैं। उन्होंने बच्चों के बीच किताबें, कॉपियां, पेन और गरीब परिवारों के लिए कंबल बांटकर न सिर्फ उनकी जरूरत पूरी की, बल्कि उनके दिलों में यह अहसास भी जगा दिया कि दुनिया में अब भी इंसानियत जिंदा है। गुंजन पटेल कहते हैं—“इन मासूम चेहरों की मुस्कान से बड़ा कोई तोहफ़ा नहीं…

मेरा हर जन्मदिन इनकी सेवा के बिना अधूरा है।” उन्होंने समाज को यह भावुक संदेश भी दिया कि हर व्यक्ति अपने जन्मदिन पर अपनी क्षमता भर किसी एक गरीब की मदद करे—क्योंकि शायद दुनिया न देखे, पर ऊपर वाला हर नेक काम को महसूस करता है, और उसके बदले मिलने वाली दिल की शांति सबसे बड़ा वरदान होती है।