मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल, श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) प्रशासन ने इमरजेंसी वार्ड की व्यवस्था को दुरुस्त करने और दलाली प्रथा पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा और सख्त कदम उठाया है। अब इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के अलावा किसी भी बाहरी चिकित्सक या निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है।
ड्यूटी डॉक्टर पर भी गिरेगी गाज
एसकेएमसीएच की प्राचार्य सह अधीक्षक डॉ. आभा रानी सिन्हा ने इस संबंध में कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि इमरजेंसी में सिर्फ वही डॉक्टर मौजूद रहेंगे जिनकी ड्यूटी लगाई गई है।
- यदि ड्यूटी के अलावा कोई अन्य चिकित्सक वहां पाया गया, तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
- सबसे अहम बात यह है कि यदि डॉक्टर के कक्ष (Doctor’s Room) में कोई बाहरी चिकित्सक बैठा मिला, तो इसके लिए ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक को ही सीधे तौर पर दोषी माना जाएगा और उन पर कार्रवाई होगी।
निजी अस्पतालों के ‘खेल’ का पर्दाफाश
इस सख्ती के पीछे की मुख्य वजह एसकेएमसीएच के आसपास चल रहे निजी अस्पतालों का मकड़जाल है। रिपोर्ट के अनुसार:

1. पूर्व छात्रों की घुसपैठ: एसकेएमसीएच से पास-आउट हो चुके कई एमबीबीएस छात्र, जो अब आसपास निजी अस्पताल चला रहे हैं, अक्सर अपने सीनियर या सहपाठियों की मदद करने के बहाने इमरजेंसी में आ जाते हैं।
2. मरीजों को बरगलाना: ये बाहरी डॉक्टर पहले मदद का दिखावा करते हैं, फिर मरीजों और उनके परिजनों के मन में एसकेएमसीएच की व्यवस्था के प्रति डर पैदा करते हैं। वे अस्पताल की कमियां गिनाकर मरीजों को दिग्भ्रमित करते हैं और अंततः उन्हें अपने निजी क्लीनिक में शिफ्ट करवा लेते हैं।
3. छवि खराब: इस ‘रेफरल रैकेट’ के कारण न केवल मरीज लुटते हैं, बल्कि संस्थान की छवि भी खराब हो रही थी और आए दिन अस्पताल में हंगामा देखने को मिल रहा था।
HOD और सीसीटीवी से होगी निगरानी
प्राचार्य डॉ. सिन्हा ने सभी विभागाध्यक्षों को अलर्ट मोड पर रहने का पत्र जारी किया है। नई व्यवस्था के तहत:
- मॉनिटरिंग टीम: इमरजेंसी की निगरानी अब कैजुअलटी रजिस्ट्रार के साथ-साथ मेडिसिन, सर्जरी और ऑर्थोपेडिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष (HOD) करेंगे।
- पूर्व छात्रों पर रोक: संबंधित विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित करेंगे कि पूर्ववर्ती एमबीबीएस छात्र अनधिकृत रूप से विभाग में प्रवेश न करें।
- सीसीटीवी सर्विलांस: इमरजेंसी वार्ड में आने-जाने वाले हर संदिग्ध व्यक्ति और अनधिकृत चिकित्सक पर सीसीटीवी कैमरों के जरिए 24 घंटे नजर रखी जा रही है।
एसकेएमसीएच प्रशासन का यह कदम मरीजों को दलालों के चंगुल से बचाने और अस्पताल में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।