भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली जा रही टी20 सीरीज अब अपने रोमांचक मोड़ पर पहुँच चुकी है। भारत ने पहले टी20 मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 101 रन से हराकर सीरीज में 1 – 0 की बढ़त हासिल कर चुका है.
पहले मुकाबले में मिली ऐतिहासिक और विशाल जीत के बाद, टीम इंडिया का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर है। अब कारवां पहुँच चुका है पंजाब के नए क्रिकेट धाम—महाराजा यादवेंद्र सिंह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम। यहाँ खेले जाने वाले दूसरे टी20 मुकाबले में भारतीय टीम की नजरें अपनी बढ़त को दोगुना करने पर होंगी, वहीं दक्षिण अफ्रीका के सामने ‘करो या मरो’ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।

कैसी होगी टीम इंडिया की प्लेइंग 11 कॉम्बिनेशन?
भारतीय प्लेइंग 11 की बात करें तो कोई खास बदलाव दूसरे मुकाबले में तो दिखने नहीं जा रही जिसकी कोई उम्मीद जताई जा सके क्योंकि भारत ने मुश्किल हालात में मैच को अपनी ओर मोड़ा, जिसके बाद अब टीम उन्हीं 11 खिलाड़ियों के साथ उतरना चाहेगी l
टीम इंडिया की रणनीति: ‘विनिंग कॉम्बिनेशन’ या बदलाव?
क्रिकेट में एक पुरानी कहावत है— “Don’t fix what isn’t broken” (जो टूटा नहीं है, उसे जोड़ने की कोशिश मत करो)। भारतीय टीम प्रबंधन (Team Management) इसी सिद्धांत पर चलता हुआ दिखाई दे रहा है।
सबसे बड़ा सवाल: क्या संजू सैमसन को मिलेगा मौका?
भारतीय क्रिकेट फैंस के बीच संजू सैमसन हमेशा से ही एक भावुक विषय रहे हैं। उनकी प्रतिभा पर किसी को संदेह नहीं है, लेकिन टीम कॉम्बिनेशन के गणित में वे अक्सर फिट नहीं बैठ पाते। दूसरे टी20 के लिए भी समीकरण कुछ ऐसे ही बन रहे हैं जो संजू के फैंस को निराश कर सकते हैं।

जितेश शर्मा का दावा क्यों है मजबूत? मौजूदा परिदृश्य में जितेश शर्मा, संजू सैमसन से एक कदम आगे नजर आ रहे हैं। इसके पीछे कई ठोस कारण हैं:
- फिनिशर की भूमिका: टीम इंडिया को निचले क्रम (नंबर 5 या 6) पर एक ऐसे बल्लेबाज की तलाश है जो पहली गेंद से ही बड़े शॉट लगा सके। जितेश शर्मा ने आईपीएल और पिछले कुछ अंतरराष्ट्रीय मैचों में यह भूमिका बखूबी निभाई है।
- कैमियो पारियां: पहले मैच में और उससे पहले की सीरीज में जितेश ने छोटी लेकिन महत्वपूर्ण (Cameo) पारियां खेली हैं। उन्होंने मुश्किल समय में आकर तेज गति से रन बनाए हैं, जिसने चयनकर्ताओं और कप्तान का भरोसा जीता है।
- विशेषज्ञों की राय: कई पूर्व क्रिकेटरों और विश्लेषकों का मानना है कि टी20 फॉर्मेट में जितेश शर्मा की उपयोगिता संजू सैमसन से ज्यादा है, खासकर जब बात लोअर मिडिल ऑर्डर की हो। संजू सैमसन मूल रूप से एक टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज हैं, और वहां अभी जगह खाली नहीं है। इसलिए, यह लगभग तय माना जा रहा है कि दूसरे टी20 में भी विकेटकीपर-बल्लेबाज के तौर पर जितेश शर्मा को ही प्राथमिकता दी जाएगी और संजू सैमसन को अपनी बारी के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।
गेंदबाजी की गुत्थी: अर्शदीप सिंह बनाम कुलदीप यादव
प्लेइंग 11 में अगर कोई पेंच फंसा है, तो वह गेंदबाजी विभाग में है। यहाँ मुकाबला अनुभव और परिस्थितियों (Conditions) के बीच है। मुख्य चर्चा तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह और स्पिन के जादूगर कुलदीप यादव के बीच है।

पिच का मिजाज तय करेगा अंतिम फैसला: महाराजा यादवेंद्र सिंह स्टेडियम की पिच ही यह तय करेगी कि भारत 3 तेज गेंदबाजों के साथ उतरेगा या 2 तेज गेंदबाज और 3 स्पिनरों के साथ।
- परिदृश्य 1 (स्पिन ट्रैक): अगर पिच सूखी है और उस पर स्पिनरों को मदद मिलने की उम्मीद है, तो कुलदीप यादव की वापसी हो सकती है। कुलदीप ‘चाइनामैन’ गेंदबाज हैं और बीच के ओवरों में विकेट निकालने की उनकी क्षमता अद्वितीय है। रवि बिश्नोई के साथ उनकी जोड़ी अफ्रीकी बल्लेबाजों के लिए मुसीबत बन सकती है।
- परिदृश्य 2 (पेस और बाउंस): अगर पिच पर घास है और तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है (जो अक्सर मोहाली और उसके आसपास की पिचों पर देखा जाता है), तो अर्शदीप सिंह का खेलना तय है। अर्शदीप नई गेंद को स्विंग कराने और डेथ ओवरों में यॉर्कर डालने में माहिर हैं। इसके अलावा, यह उनका घरेलू मैदान भी है, जिससे उन्हें यहाँ की परिस्थितियों का बेहतर ज्ञान है।
संभावित निर्णय: रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर पिच न्यूट्रल भी रहती है, तो टीम इंडिया शायद अपने विजयी कॉम्बिनेशन के साथ ही जाना पसंद करेगी। इसका मतलब है कि अगर अर्शदीप पिछले मैच में खेले थे और अच्छा प्रदर्शन किया था, तो उन्हें बाहर बैठाना मुश्किल होगा। वहीं, अगर कुलदीप को लाया जाता है, तो शायद किसी और स्पिनर (जैसे अक्षर पटेल) की जगह पर विचार हो सकता है, लेकिन अक्षर की बल्लेबाजी उन्हें टीम में बनाए रखती है।
महाराजा यादवेंद्र सिंह स्टेडियम: क्या कहता है इतिहास?
मुल्लांपुर का यह स्टेडियम नया है और यहाँ बहुत अधिक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला गया है। हालांकि, आईपीएल के दौरान यहाँ की पिच ने कुछ संकेत दिए थे।
- बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग? आमतौर पर यहाँ की पिच बल्लेबाजी के लिए अच्छी मानी जाती है। गेंद बल्ले पर अच्छे से आती है और बाउंड्रीज बहुत बड़ी नहीं हैं।
- ओस (Dew) की भूमिका: चूंकि यह डे-नाइट मैच हो सकता है (या शाम को खत्म होगा), तो ओस एक बड़ी भूमिका निभा सकती है। बाद में गेंदबाजी करने वाली टीम को गेंद ग्रिप करने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए टॉस जीतने वाला कप्तान पहले गेंदबाजी करना पसंद कर सकता है।
दक्षिण अफ्रीका: वापसी की राह कितनी मुश्किल?
दक्षिण अफ्रीका के लिए यह मैच अस्तित्व की लड़ाई है। 5 मैचों की सीरीज में 2-0 से पिछड़ना किसी भी टीम के लिए खतरनाक हो सकता है।
- बल्लेबाजी की चिंता: डेविड मिलर, हेनरिक क्लासेन और एडेन मार्करम जैसे दिग्गजों को जिम्मेदारी लेनी होगी। पहले मैच में उनका टॉप ऑर्डर पूरी तरह विफल रहा था।
- गेंदबाजी में धार की कमी: रबाडा और कोएत्जी जैसे गेंदबाजों को भारतीय बल्लेबाजों को रोकने के लिए नई योजना बनानी होगी। भारतीय बल्लेबाज निडर होकर खेल रहे हैं, ऐसे में अफ्रीकी गेंदबाजों को ‘प्लान बी’ के साथ उतरना होगा।
क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह मुकाबला बेहद रोमांचक होने वाला है। क्या भारत अपनी जीत की लय बरकरार रखेगा या दक्षिण अफ्रीका सीरीज में बराबरी करेगा? इसका जवाब हमें मैच के बाद ही मिलेगा, लेकिन एक बात तय है—चंडीगढ़ में रनों की बारिश और रोमांच की आंधी आने वाली है।
आपकी क्या राय है? क्या संजू सैमसन को मौका मिलना चाहिए? क्या कुलदीप यादव को प्लेइंग 11 में शामिल किया जाना चाहिए? अपनी राय जरूर रखें।