वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिकी इतिहास में पहली बार संसद (कांग्रेस) के भीतर एक ऐसी तस्वीर लहराई गई, जिसने व्हाइट हाउस तक हलचल मचा दी है। अमेरिकी डेमोक्रेट सांसद सिडनी कैमलेगर-डव (Sydney Kamlager-Dove) ने सदन में पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की ‘कार वाली तस्वीर’ दिखाकर डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति की धज्जियां उड़ा दीं।
यह तस्वीर केवल एक मुलाकात नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए एक ‘वेक-अप कॉल’ (Wake-up Call) बताई जा रही है।
1. संसद में क्यों लहराया गया यह पोस्टर?
अमेरिकी सांसद सिडनी ने जिस पोस्टर को दिखाया, उसमें पीएम मोदी और पुतिन दिल्ली में एक ही कार में बैठे नजर आ रहे थे। यह तस्वीर 4 दिसंबर को पुतिन के भारत दौरे के दौरान ली गई थी।
- मकसद: सांसद का कहना था कि ट्रंप की आक्रामक नीतियों, भारी टैरिफ (Tariff) और दबाव की राजनीति ने भारत जैसे मजबूत साझेदार को रूस के और करीब धकेल दिया है।
- आरोप: पोस्टर के जरिए तर्क दिया गया कि ट्रंप प्रशासन ने भारत को अपने पाले में लाने के बजाय, उसे मास्को के साथ रणनीतिक रिश्ते मजबूत करने का मौका दे दिया।
2. ट्रंप की ‘टैरिफ वॉर’ का उल्टा असर
संसद में हुई चर्चा का मुख्य केंद्र यह था कि ट्रंप का ‘अमेरिका फर्स्ट’ का दांव कैसे उल्टा पड़ गया है।
- टैरिफ vs दोस्ती: जहां ट्रंप ने भारत पर दबाव बनाने के लिए 50% तक टैरिफ लगाने की बात की, वहीं रूस ने भारत के साथ ऊर्जा (Fuel) और व्यापार के रास्ते खोल दिए।
- वीज़ा vs स्वागत: अमेरिका में भारतीयों के लिए वीज़ा नियम सख्त किए जा रहे हैं, जबकि पुतिन ने भारतीय कामगारों को रूस आने का खुला न्योता दिया है।
3. डिफेंस डील: अमेरिका का नुकसान, रूस का फायदा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी-पुतिन की इस केमिस्ट्री का असर रक्षा समझौतों पर भी दिख रहा है।
- अमेरिका भारत को अपना THAAD मिसाइल सिस्टम बेचना चाहता था।
- लेकिन, अब भारत और रूस के बीच S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को लेकर चर्चाएं तेज हैं। यह अमेरिका के डिफेंस सेक्टर के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

4. भारत की ‘सुपरपावर’ कूटनीति
यह घटना साबित करती है कि पीएम मोदी की कूटनीति अब किसी एक देश के दबाव में नहीं है। विश्लेषकों की राय: “अमेरिकी संसद में इस पोस्टर का लहराया जाना बताता है कि पीएम मोदी की ग्लोबल पावर का लोहा अब खुद अमेरिकी सांसद भी मान रहे हैं। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने हितों (National Interest) के लिए किसी भी महाशक्ति से हाथ मिला सकता है।”
ख़बर एक नज़र में (Key Highlights)
- ऐतिहासिक घटना: पहली बार अमेरिकी संसद में दो गैर-अमेरिकी नेताओं (मोदी-पुतिन) का पोस्टर चर्चा का विषय बना।
- ट्रंप पर निशाना: डेमोक्रेट्स ने आरोप लगाया कि ट्रंप की नीतियों ने भारत को रूस का ‘जिगरी दोस्त’ बना दिया है
- भारत का स्टैंड: भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति का परिचय देते हुए रूस के साथ तेल और रक्षा सौदों को जारी रखा है।